व्यवस्था का गणित
जानता है
पर
नहीं मानता मुझे प्रश्न
फिर भी
व्यवस्थाओं ने
मेरा उत्तर खोजने का
ढ़ोंग रचकर
पा लिया है
सभ्यता कहलाने का तमगा
सभ्य कहलाने के नाम पर
हर सदी में
करवाई गई
ऐतिहासिक गणित के
सूत्रों की स्थापना
कई जन्मों के बाद
मुझे ज्ञात हुआ
मेरा उत्तर
ढूंढने का उत्तरदायी
मैं ही हूँ
व्यवस्था अब भी
ऐतिहासिक
गणित के आधार पर
घोषित कर देना चाहती है
मुझे शून्य
कोई संख्या
या अनंत
पर इस बार
पूरी हिम्मत जुटाकर
मैंने स्वयं को
मान लिया है X
असीम सम्भावनाओं को
खंगालकर
अब होगी
सत्य के सूत्र की स्थापना।
© 2018 गौरव भूषण गोठी
जानता है
पर
नहीं मानता मुझे प्रश्न
फिर भी
व्यवस्थाओं ने
मेरा उत्तर खोजने का
ढ़ोंग रचकर
पा लिया है
सभ्यता कहलाने का तमगा
सभ्य कहलाने के नाम पर
हर सदी में
करवाई गई
ऐतिहासिक गणित के
सूत्रों की स्थापना
कई जन्मों के बाद
मुझे ज्ञात हुआ
मेरा उत्तर
ढूंढने का उत्तरदायी
मैं ही हूँ
व्यवस्था अब भी
ऐतिहासिक
गणित के आधार पर
घोषित कर देना चाहती है
मुझे शून्य
कोई संख्या
या अनंत
पर इस बार
पूरी हिम्मत जुटाकर
मैंने स्वयं को
मान लिया है X
असीम सम्भावनाओं को
खंगालकर
अब होगी
सत्य के सूत्र की स्थापना।
© 2018 गौरव भूषण गोठी
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