वादा है
माउंट एवरेस्ट तक
दुर्गम चढ़ाई
साथ में करेंगे
खूब जमेगा रंग
जब मिल कर चलेंगे तीन यार
तुम, मैं और विकट परिस्थितियां
सब सह भी लेंगे
सब जीत भी लेंगे
मुस्कुराते हुए
बस रात को
तम्बू में
सोते समय
मेरे पैरों से
कम्बल मत खींचना
मैं कट्टी नहीं कर पाऊंगा तुमसे
मुस्कुराते हुए
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