Sunday, June 19, 2022

5 रुपए की चाय




5 रुपए की चाय में
अपनी उँगलियों को डालकर
छिड़क दिए उसने
अपने इर्द गिर्द
दो चार छींटें
एक मंत्र भी पढ़ा उसने
मंद मंद मन ही मन
अपने होंठों से फुसलाकर
फिर उसने पी ली
बची हुई एक कप चाय
और सैकड़ों कप उम्मीदें
उसकी चेहरे की झुर्रियाँ
उसकी आँखों की चमक से
अचानक हार गयी
सब कुछ जी लेने की ऊर्जा
उसने कमा ली है दिन भर के लिए


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