टूटा दिल जुड़कर भी पूरा दिल नहीं बन पाएगा,
एंट्रॉपी के थमने तक ये खाक भी हो जाएगा।
कौतुहल अर्जुन को था तब कृष्ण ने गीता पढ़ी,
बेसबब जो राय देगा, रायचंद कहलायेगा।
रास्ता जो दिखता है वो रास्ता होता नहीं,
रास्ता जो तुमसे होगा रास्ता कहलायेगा।
चुनने की ताकत है सब में चुनने की बरकत नहीं,
सब में रब जो देख लेगा, सब में रब चुन पायेगा।
फूल हो तो महकने की शर्तों पर जीते हो क्यों?
बेसबब महकेगा जो भी वो ख़ुदा कहलायेगा।
© 2017 गौरव भूषण गोठी
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