1. हाथ मलता हूँ
आँखों पर
तो हाथों से
निकलता है खून
आखों से नहीं
निकलता है पानी
आँखों पर
तो हाथों से
निकलता है खून
आखों से नहीं
निकलता है पानी
2. दीवाना सर
देखेगा जब
दिल के ज़ख्म
जिस्म के चीथड़ों में
उससे बदला लेने का ख्याल
फिर भी नहीं आएगा तुम्हें
उस पर सर पटक कर
सर फोड़ना चाहोगे तुम
देखेगा जब
दिल के ज़ख्म
जिस्म के चीथड़ों में
उससे बदला लेने का ख्याल
फिर भी नहीं आएगा तुम्हें
उस पर सर पटक कर
सर फोड़ना चाहोगे तुम
3. मेरा गुरुत्वाकर्षण प्रेम
मेरे भार का रहस्य
मत जानना कभी
मुझे चीजों से बाँधकर
बस फेंका जा सकता है,
समझना ही है,
तो फर्क समझो
उछलने और उड़ने में
मेरे भार का रहस्य
मत जानना कभी
मुझे चीजों से बाँधकर
बस फेंका जा सकता है,
समझना ही है,
तो फर्क समझो
उछलने और उड़ने में
4. तराशों मुझे,
जैसा चाहोगे तुम
दिख जाऊँगा वैसा
पर लाख चोट खाकर भी
ढल नहीं पाऊँगा
जब तक गल ना जाऊँ
जब तक पीस ना दिया जाऊँ
मैं बस बन जाता हूँ
मेरी ही मिट्टी से
होता थोड़े ही हूँ.
जैसा चाहोगे तुम
दिख जाऊँगा वैसा
पर लाख चोट खाकर भी
ढल नहीं पाऊँगा
जब तक गल ना जाऊँ
जब तक पीस ना दिया जाऊँ
मैं बस बन जाता हूँ
मेरी ही मिट्टी से
होता थोड़े ही हूँ.
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