Monday, June 27, 2005

जरूरी तो नहीं...

मंजिल कहा है मेरी, ये मुझे पता नहीं,
मैं रूक के बैठ जाऊं, ये जरूरी तो नहीं.

इंसान जो भगवान् है सबकी निगाह मैं,
पर मैं भी उसे पूजू, ये जरूरी तो नहीं.

भला किया बुरा मिला, बुरा जो मैं करूं,
अच्छा मुझे मिल जाये, ये जरूरी तो नहीं.

कहते है मुझे लोग मैं बदल सा गया हूँ,
सब लोग मुझे समझे, ये जरूरी तो नहीं.

करता हूँ मोहोब्बत मैं तुमसे बेशुमार पर,
इजहार मैं करूं, ये जरूरी तो नहीं.

करना है मुझे बहुत कुछ, सबके लिए यहाँ,
ज़िंदा रहूं मैं कल, ये ज़रूरी तो नहीं.

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